महीनों स्पेस में रहने के बाद धरती पर आ रहे हैं ये एस्ट्रोनॉट, पढ़ें कोरोना को लेकर क्या कहा?

नासा. अमेरिका की स्पेस एजेंसी. उसके अंतरिक्ष यात्री अगले सप्ताह धरती पर आने वाले हैं. कई महीने अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS में गुज़ारने के बाद. उन्होंने 10 अप्रैल को ISS से पत्रकारों से बात की. धरती पर आने के बारे में उन्होंने कहा कि दुनिया पूरी तरह बदली हुई है. ऐसे में वापस आकर इसमें एडजस्ट करना उनके लिए मुश्किल होगा.


‘पृथ्वी के हालात को समझना बहुत मुश्किल’


एंड्र्यू मॉर्गन नाम के एस्ट्रोनॉट ने कहा कि उनके साथियों ने कोरोना की खबर से खुद को दूर रखने की कोशिश की. लेकिन जो कुछ हो रहा है और जो कुछ होने को है उससे बचना मुश्किल है. मॉर्गन ने कहा कि पृथ्वी के हालात को समझना बहुत मुश्किल होगा.


मॉर्गन की साथी जेसिका मेर ने कहा,


“धरती पर जो कुछ हो रहा है वह किसी सपने जैसा है. हम आपको बता दें कि ऊपर से पृथ्वी अभी भी हमेशा की तरह गजब की दिखती है. इसलिए हमारे ऊपर आने के बाद जो कुछ भी बदला है उस पर भरोसा करना मुश्किल है.”


‘धरती पर ज्यादा अकेलापन होगा’


मेर ने आगे कहा कि धरती से सात महीने दूर रहने के बाद भी परिवार और दोस्तों को गले नहीं लगा पाएंगी. यह उनके लिए काफी कठिन होगा. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष की तुलना में धरती पर ज्यादा अकेलापन महसूस होगा. लेकिन फिर भी परिवार और दोस्तों को देखना शानदार होगा. भले ही उन्हें दूर से देखना पड़े.


एंड्र्यू मॉर्गन पिछले साल जुलाई में स्पेस स्टेशन गए थे. वहीं मेर सितंबर में गई थीं. ये दोनों सोयूज कैप्सूल में रूस के अंतरिक्ष यात्री ओलेग स्क्रीपोचका के साथ आएंगे. इनकी लैंडिंग कजाकिस्तान में होगी. इनके आने के बाद स्पेस स्टेशन में तीन ही अंतरिक्ष यात्री रह जाएंगे.


संयोग से जिस दिन ये लोग आएंगे, उसी दिन अपोलो 13 मिशन को 50 साल होंगे. अपोलो 13 मिशन चांद के लिए भेजा गया था. लेकिन एक ऑक्सीजन टैंक के फटने के चलते मिशन रोकना पड़ा था. इस बारे में मॉर्गन ने कहा-